*शाबान के इतवार को तौबा क़ुबूल*

हज़रत ख़्वाजा बसरी रहमतुल्लाह अलैह हज़रत सरकार मौला ए कायनात मौला अली कार्रमल्लाहो वजहहुल करीम से रिवायत फरमाते हैं कि आपने फरमाया :
    *जिस शख़्स ने बहुत गुनाह किये हों, और उनसे पशेमान हो कर तौबा करना चाहे, तो उसे  चाहिए कि _माहे शाबान में इतवार के रोज़ ग़ुस्ल करे, और जब सोमवार की रात आये तो इशा की नमाज़ से फ़ारिग़ हो कर 70 बार अस्तग़फ़ार कहे_, तो उसकी तौबा क़ुबूल हो जाएगी, और उसके गुनाह माफ हो जाएंगे*

📚( _"फदलूल फवाइद' हिस्सा अव्वल, सफा 10_)

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