औरत का लफ़्ज़ी मा'ना
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*( 3 ) औरत का अजनबी मर्द को देखना*
*_सुवाल :-_* औरत गैर मर्द को देख सकती है या नहीं ?
*_जवाब :-_* न देखने में आफ़िय्यत ही आफ़िय्यत है ।
अलबत्ता देखने में जवाज़ की सूरत भी है मगर देखने से क़ब्ल अपने दिल पर खूब खूब और खूब गौर कर ले कहीं येह देखना गुनाहों के गार,में न धकेल दे ।
*फु-कहाए किराम رَحِمَھُمُ اللّٰهُ السَّلَام जवाज़ की सूरत बयान करते हुए फ़रमाते हैं :-* "औरत का मर्दे अजनबी की तरफ़ नज़र करने का वोही हुक्म है जो मर्द का मर्द की तरफ़ नज़र करने का है और येह उस वक़्त है कि औरत को यक़ीन के साथ मालूम हो कि उस की तरफ़ नज़र करने से शह्वत नहीं पैदा होगी और अगर इस का शुबा भी हो तो हरगिज़ नज़र न करे ।"
*_📓बहारे शरीअत,हिस्सा:16,स.86_*
*_📓पर्दे के बारे में सवाल.? जवाब :-21_*
_✍🏼 *बाकी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله*_
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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